UP Board Exam News 2025: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज द्वारा हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 फरवरी से लेकर 12 मार्च के बीच निर्धारित किए गए परीक्षा केदो पर आयोजित की जाएगी। ऐसे में नकल रोकने और परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए राज्य सरकार ने इस बार कई बड़े बदलाव किए हैं।
परीक्षा को नकल विहीन आयोजित करने के लिए उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2024-25 लागू किया गया है। यह अधिनियम न केवल सत्य नियमों को पालन करने के लिए कहा गया है। बल्कि परीक्षा प्रणाली को अधिक अधिक विश्वनीय बनाने में भी मददगार साबित होगा। जिसके लिए बोर्ड द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
जैसे कि आप सभी उत्तर प्रदेश के सभी विद्यार्थियों को पता है, कि इस बार 54 लाख से भी अधिक विद्यार्थियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है। जिनकी परीक्षाएं 24 फरवरी से शुरू हो रही है। जिसमें कई नए नियम लगाए गए हैं। जिसकी संपूर्ण जानकारी आगे इस लेख में विस्तार पूर्वक बताई गई है। आप सभी इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक जरूर पढ़ें।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से होगी मॉनिटरिंग
इस बार बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन आयोजित करने के लिए तकनीकी सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। सभी परीक्षा केदो पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अर्थात (AI) की मदद से हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। परीक्षा कक्षा में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिनकी लाइव फीड को रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए एक केंद्रीकृत कंप्यूटर लैब में भेजा जाएगा।
हाइटेक कंप्यूटर लैब डिजिटल सुरक्षा
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज द्वारा बोर्ड प्रशासन एवं हाइटेक कंप्यूटर लैब को तैयार किया है। जो परीक्षा प्रणाली को पूरी तरह से डिजिटल बनाएगी। इस लैब में लाइव मॉनिटरिंग की सुविधा होगी। इसमें न केवल नकल पर नियंत्रण किया जा सकेगा। बल्कि परीक्षा के दौरान अंग गड़बड़ियों को भी रोका जा सकेगा।
परीक्षा केदो पर सुरक्षा व्यवस्था
उत्तर प्रदेश की परीक्षा को सुचारू रूप से आयोजित करने के लिए पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को किया गया है। परीक्षा केदो पर पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। और अधिकारियों को विशेष निर्देश किया गया है। इसके अलावा सभी परीक्षा केदो पर सीसीटीवी कैमरा और बायोमेट्रिक सिस्टम भी लगाया गया है।
नकल करने पर सख्त कार्रवाई
इस बार बोर्ड द्वारा एक नया नियम लागू किया गया है। इस नियम के अनुसार अगर कोई भी विद्यार्थी परीक्षा केंद्र में नकल सामग्री या फिर नकल करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर वह विद्यार्थी दोषी पाया जाता है, तो उसे आजीवन कारावास और एक करोड रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह कठोर कदम यह कठोर कदम पहली बार परीक्षा के दौरान लगाया गया है।
क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार और बोर्ड अधिकारियों का यह मानना है, कि बोर्ड परीक्षा प्रणाली में निष्पक्षता और ईमानदारी को बढ़ावा देने का उद्देश्य दिया गया है। ताकि निष्पक्ष माहौल में परीक्षा केंद्र का अवसर प्रदान कर सके या कम न केवल परीक्षा प्रक्रिया को अधिक ईमानदार बनने का बल्कि छात्रों के बीच आत्मविश्वास और ईमानदारी को भी बढ़ावा मिलेगा।
शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव
राज्य सरकार द्वारा शिक्षा प्रणाली को बेहतर और अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए प्रतिबद्ध है इस कड़े नियमों और तकनीकी उपयोगी के माध्यम से न केवल नल पर पूरी तरह से रोक लगाया जा सकता है। बल्कि विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच एक आत्मविश्वास का माहौल भी बनाएगा। इन बदलाव के बाद यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए एक नई उम्मीद लेकर आ रही है।
यह कदम न केवल परीक्षा प्रणाली को सुदृढ़ हा बनाएगा। बल्कि शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक सुधारो का मार्ग प्रस्ताव करेगा। अब यह देखना है की सख्त प्रावधानों का विद्यार्थियों और समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है। बोर्ड परीक्षा से जुड़ी ज्यादा अधिक जानकारी के लिए आप सभी विद्यार्थियों को यह सलाह दिया जाता है, कि आप सभी आधिकारिक वेबसाइट upms.edu.in पर जरुर विजिट करें।